Internet की खोज किसने की – पूरी जानकारी | Internet Ki Khoj Kisne Ki?

आजके इस पोस्ट मे हम जानेंगे इंटरनेट का इतिहास हिंदी में, जैसे की Internet Ki Khoj Kisne Ki? | इंटरनेट की खोज किसने की और कब? और साथ ही इंटरनेट से जुड़ी सारी जानकारी देने वाले हैं, तो पूरी जानकारी के लिए हमारी इस पोस्ट को पूरा पढ़ें।

आजकल पूरी दुनिया इंटरनेट पर निर्भर हो गयी है मगर क्या आप जानते हैं, वह कौन व्यक्ति था जिसने इसका आविष्कार किया? तो आज हम यहाँ इंटरनेट का इतिहास साथ ही इंटरनेट की शुरुवात कैसे हुई? | इंटरनेट के कितने प्रकार होते हैं? और इससे संम्बंधित हर एक सवाल का जवाब देंगे।

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Internet Ki Khoj Kisne Ki | इंटरनेट की खोज किसने की और कब

Internet ki khoj kisni ki puri jaankaari

internet की खोज ने दुनिया में क्रांति ला दी है, आज इन्टरनेट सभी के लिए इतना जरूरी हो चुका है की अगर एक मिनट इंटरनेट बंद हो जाये तो करोड़ो का नुकसान हो जाएगा।

आजकल लगभग सभी कुछ इंटरनेट के उपर निर्भर हो गया है, वैसे इन्टरनेट एक information लेने की टेक्नोलॉजी है जिससे हम बहुत सारी जानकारी ले सकते हैं और दूसरे लोगों को वह जानकारी दे भी सकते हैं क्योकि इन्टरनेट दुनिया भर के करोडो कंप्यूटर से जुड़ा हुआ है जिससे वह करोड़ो लोगो को आपस में जोड़े रखता है।

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अब सवाल ये है की आखिर इंटरनेट की खोज किसने की?

Internet Ki Khoj Kisne Ki Thi इस बारे में जानने से पहले आइये जानते हैं internet क्या है?

Internet किसी कहते हैं?

इन्टरनेट एक दुसरे से जुड़े बहुत सारे कंप्यूटरों का एक जाल है जो राउटर एवं सर्वर के ज़रिए दुनिया के किसी भी कंप्यूटर से दूसरे कंप्यूटर को आपस में जोड़ता है. दुसरे शब्दों में कहे तो सूचनाओ के आदान प्रदान करने के लिए TCP/IP प्रोटोकॉल के माध्यम से दो कंप्यूटरों के बीच स्थापित सम्बन्ध को internet कहते हैं।


हम में से ज़्यादातर लोग जिसे इंटरनेट मानते हैं, वह असल में ऑपरेशन का सुंदर चेहरा है- browser window, वेबसाइट, URL और search bar. लेकिन असल internet, सूचना सुपर हाइवे के पीछे दिमाग, protocol और नियमों का एक जटिल (Complex) सेट है जिससे किसी को World Wide Web तक पहुंचने से पहले विकसित करना था।


कंप्यूटर वैज्ञानिक विंटन सेर्फ़ और बॉब कान को इंटरनेट संचार प्रोटोकॉल को खोजने का श्रेय दिया जाता है, जिसका हम आज उपयोग करते हैं और system जिसे इंटरनेट कहा जाता है।

Internet का मतलब हिन्दी में

इन्टरनेट एक english word है जो इंग्लिश के शब्द “Internetworked” से लिया गया है. हिंदी में Internet का मतलब “अंतरजाल“ होता है, इन्टरनेट हजारों-लाखों Computers का एक जाल है जिसे hindi में अंतरजाल या फिर आम भाषा में “महाजाल” भी कह सकते है।

Internet ki की खोज किसने की थी, इंटरनेट का इतिहास हिंदी में

इंटरनेट का इतिहास कुछ इस तरह है।

सबसे पहले internet की खोज, सन, 1969 में DOD
(department of defense) के द्वारा की गई थी, ये internet अमेरिका डिपार्टमेंट ऑफ डिफेन्स के द्वारा UCLA तथा स्टैनफोर्ड रिसर्च इंस्टिट्युट (research Institute)के कंप्यूटर्स का नेटवर्किंग करके internet का structure बनाया गया था।

इन्टरनेट पर सूचना को लेने या भेजने के लिए जिस नियम का उपयोग होता है उसे TCP (ट्रांसमिशन कण्ट्रोल प्रोटोकॉल) या IP (इन्टरनेट प्रोटोकॉल) कहते हैं, और इस सब इन्टरनेट का इस्तेमाल करके सन , 1979′ में ब्रिटिश डाकघर ने पहला अंतरराष्ट्रीय कंप्यूटर नेटवर्क बना कर नए प्रौद्योगिकी का उपयोग करना आरम्भ किया।


इस नेटवर्क को ARPN (एडवांस रिसर्च प्रोजेक्ट इन एजेंसी ) ने बाद में इसको करीब 1980 में launch किया और सन ,1980 में ही बिल गेट्स का IBM के कंप्यूटर्स पर एक Microsoft operating system लगाने के लिए सौदा तय हुआ और इन्टरनेट का सही से इस्तेमाल करने के लिए 1984 में apple ने पहली बार files, folders, drop down menu, mouse, graphics का प्रयोग करके combined आधुनिक कम्प्यूटर लांच किया।


और इन्टरनेट की खोज के बाद इंटरनेट का सबसे ज्यादा और आसानी से इस्तेमाल तब होने लगा जब 1989 में टिम बेर्नर ली ने इंटरनेट पर संचार को आसान बनाने के लिये ब्राउज़रों, पननों और लिंक का उपयोग करके World Wide Web बनाया और उसके बाद 1998 में Google आया Google के आ जाने के बाद internet का चेहरा ही बदल गया।

इन्टरनेट के जनक कौन हैं?

सन् 1970 के अंत में, विंटन सेर्फ नाम के एक Computer वैज्ञानिक ने दुनिया के सभी कंप्यूटरों के लिए सभी मिनी-नेटवर्कों पर एक दूसरे के साथ conversation करने के लिए एक तरीका विकसित कर इस समस्या को हल करना शुरू किया। उन्होंने अपनी इस Invention को TCP (ट्रांसमिशन कंट्रोल प्रोटोकॉल) कहा।

बाद में, उन्होंने एक ओर प्रोटोकॉल जोड़ा, जिसे IP (internet protocol) के रूप में जाना जाता है। आज हम जिस इन्टरनेट का इस्तेमाल करते हैं उसमे TCP/IP Protocol का ही इस्तेमाल करा जाता है।


सन 1974 में Vint Cerf और Robert E. Kahn ने एक पेपर published किया जिसे “The Fathers Of The Internet” के नाम से जाना गया. इसी रिसर्च पेपर को पब्लिश करने के कारण “Vint Cerf और Robert E. Kahn” को इन्टरनेट का जनक कहते हैं।

इन्टरनेट का मालिक कौन है?

हर वस्तु का कोई न कोई मालिक होता ही है लेकिन अगर बात करें इन्टरनेट का मालिक कौन है या फिर इन्टरनेट पर किस का एकाधिकार है तो इस सवाल के दो जवाब हो सकते हैं एक कोई नहीं और दूसरा बहुत सारे लोग;


यहाँ कोई नहीं से मतलब है कि इन्टरनेट का कोई भी एक मालिक नहीं है, और कोई भी देश या किसी भी देश की सरकार या कोई भी कंपनी इन्टरनेट के उपर किसी भी प्रकार का एकाधिकार नहीं रखती है, कहने का मतलब है की इन्टरनेट पर पूरी तरह से अधिकार किसी का भी नहीं है।

दूसरे तरह से देखा जाए तो, हजारों लोग और Organization इंटरनेट के मालिक हैं. इंटरनेट में कई अलग-अलग टुकड़े और बिट्स होते हैं, जिनमें से हर एक का एक मालिक होता है।

इनमें से कुछ मालिक आपके पास इंटरनेट तक पहुंचने की quality और level को कंट्रोल कर सकते हैं। वह पूरे system के मालिक नहीं होते, लेकिन वे आपके इंटरनेट के experience को affect कर सकते हैं। जैसे के इन्टरनेट सर्विस प्रोवाइडर कम्पनियां।

Internet का इतिहास

इन्टरनेट का इतिहास बहुत ज़ादा पुराना नहीं है, सन 1960 में गुप्त तरह से बहुत तेज गति से सूचनाओं को लेने अथवा भेजने की आवश्यकता होने लगी, इस आवश्यकता को पुरा करने के लिए तकनीक का इस्तेमाल करके एक नेटवर्क की खोज, की गयी, जिसे आज हम इन्टरनेट के नाम से जानते हैं।


अगर बात की जाए कि इन्टरनेट की खोज किसने की तो इसका पुरा श्रेय किसी एक व्यक्ति को नहीं दिया जा सकता, इन्टरनेट खोज करने में बहुत सारे लोगों का योगदान रहा है।

भारत में इन्टरनेट कब आया?

internet की खोज के बाद, भारत में इन्टरनेट की शुरुआत सार्वजानिक रूप से 15 अगस्त 1995 को VSNL यानि विदेश संचार निगम लिमिटेड के द्वारा हुई थी। तब इन्टरनेट का इस्तेमाल महत्वपूर्ण सूचनाओं के लेने और भेजने के लिए किया जाता था और इसकी स्पीड सिर्फ 8 से10 kbps थी।


जब भारत में इंटरनेट की शुरुवात (internet ki khoj) हुई थी तब इससे सिर्फ 20 या 30 कंप्यूटर ही जुड़े हुए थे और , Internet connection का खर्चा भी बहुत ज़ादा था, और 9 से 10 kbps internet speed का महीने का खर्चा 500 से 600 रूपए था, जो कि उस समय के हिसाब से बहुत ही ज़ादा हुआ करता था।


जबकि आज के समय में इन्टरनेट हर एक व्यक्ति के हाथ में पहुँच चूका है और पढाई से लेकर Business, medical, tech और government work’s तक में इन्टरनेट का यूज़ होने लगा है।

Internet कैसे चलता है?

इंटरनेट international लेवल नेटवर्क के उपर काम करता है जिससे वह दुनिया भर के यूजर को एक साथ जोड़े रखता है। वर्ल्ड वाइड वेब को इन्टरनेट का सबसे जरूरी साधन मानते हैं क्योकि इसके बिना इन्टरनेट का अच्छी तरह से इस्तेमाल नही करा जा सकता है यदि इन्टरनेट से कोई जानकारी लेनी है तो world wide web की जरूत पड़ती है world wide web के बिना कोई जानकारी नही मिल सकती।


और इन्टरनेट में प्रिवेश करने के लिये वेब ब्राउज़र की जरूरत होती है, वेब ब्राउज़र के बिना इंटरनेट का इस्तेमाल नही हो सकता, वेब ब्राउज़र एक ऐसा सॉफ्टवेयर है जिसके ज़रिए इंटरनेट का इस्तेमाल करा जाता है।

बहुत से लोग सोचते हैं कि इंटरनेट satellite से चलता है यह सोच पूरी तरह से गलत भी नहीं है, इन्टरनेट को satellite से भी चलाया जाता है लेकिन हम जिस इन्टरनेट का यूज़ करते हैं वो सेटेलाइट से नहीं Opticle Fibres Cable के द्वारा हम तक पहुँचाया जाता है, Opticle Fibres केबल को सबमरीन केबल भी कहा जाता है।

हम जिस इन्टरनेट का इस्तेमाल करते हैं वो तीन कम्पनियों के Through होते हुए हम तक पहुँचता है, इन तीनों कंपनियों को हम तीन भाग में बाँट लेते है. 1 category, 2category, 3 category.

  • 1 category में वो कंपनी आती है जिसने ऑप्टिकल फाइबर केबल का नेटवर्क समुद्र के अन्दर से पूरे विश्व भर में फैलाया हुआ है. इन्ही केबल के ज़रिए दुनिया के सारे सर्वर एक दूसरे से जुड़े रहते हैं।
  • 2 category में टेलिकॉम कंपनियां आती हैं जैसे (आईडिया, वोडाफ़ोन, एयरटेल) जिनके ज़रिए इन्टरनेट हमारे पास पहुँचता है।
  • 3 category में local एरिया की छोटी कंपनिया आती हैं जैसे तिकोना।

अब होता यह है कि 3 category कि कम्पनियाँ 2 category से डाटा खरीदती है और 2 category कि कम्पनियाँ 1 category की कंपनी से प्रति GB के हिसाब से डाटा खरीदती है. हम लोग category 2 की कंपनियों से डाटा खरीदते हैं।


category 2 की कम्पनियाँ लैंडलाइन ओप्टिकल फाइबर केबल के द्वारा अपने tower को category 1 से Connect कर के रखती हैं और वायरलेस नेटवर्क के ज़रिए इन्टरनेट कि सेवा हम तक पहुचाती हैं।

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इन्टरनेट की पहली वेबसाइट कौन सी थी?

Internet की खोज के बाद इन्टरनेट पर पहला Web page 6 अगस्त 1991 में लाइव हुआ था। यह World Wide Web प्रोजेक्ट की जानकारी के लिए Dedicated था और इसे Tim Berners-Lee ने बनाया था।

यह यूरोपीय organization’s (ऑर्गनाइजेशन फॉर न्यूक्लियर रिसर्च) में एक “NeXT Computer” पर संचालित हुआ था.

इस वेब पेज का एड्रेस http://info.cern.ch/hypertext/WWW/TheProject.html था। जो आज भी live है।

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सबसे सस्ता इंटरनेट किस देश में हैं ?

इंटरनेट की खोज के बाद से इन्टरनेट का इस्तेमाल दिनभर बढ़ता ही जा रहा है रिपोर्ट के मानें तो, इंटरनेट की स्पीड तेज होने पर एक फैमली साल भर में इंटरनेट पर होने वाले खर्च में से करीब 5 लाख रुपये बचा सकती है इसमें सबसे ज्यादा पैसा एंटरटेनमेंट, ऑन लाइन डील, दैनिक सर्च और यात्रा में इस्तेमाल होने वाले इंटरनेट के रूप में बचाया जा सकता है।

आज दुनिया में इंटरनेट की सबसे महंगी सेवा तुर्केमेनिस्तान में है और अगर बात करें सबसे सस्ता इंटरनेट की तो सबसे सस्ता इंटरनेट इजराईल में है यहाँ पर 1 GB Data की कीमत 4 रुपये से भी कम है, इसके बाद सस्ता data देने के मामले में Kyrgyzstan, fiji, italy, sudan और Russia का नंबर आता है।


तुर्केमेनिस्तान में अनलिमिटेड इंटनेट एक्सेस कि किमत 2048 Dollar है, जो एक महीने में 6,821.01 डॉलर तक पहुंच जाती है। यहां सबसे सस्ती इंटरनेट सेवा 43.12 डॉलर है हर महीने यूजर को 2 GB 64 kbps की सीमित लिमिट मिलती है। जबकि रूस में हर महीने हाई स्पीड अनलिमिटेड इंटरनेट की कीमत लगभग 20 डॉलर है।


सबसे तेज internet speed सेवा दक्षिण कोरिया में है, यहाँ औसतन स्पीड 2202 kbps है जो दुनिया में सबसे ज़ादा तेज़ है और अमेरिका दुनिया का सबसे अधिक इंटरनेट इस्तेमाल करने वाला देश है।

इंटरनेट का उपयोग

आजकल इन्टरनेट का यूज़ बहुत ही ज़ादा होने लगा है, इन्टरनेट के शुरुआती दौर में इसका इस्तेमाल बहुत ही ज़ादा सीमित था और इसका ज़्यादातर यूज़ Scientist और रक्षा विभाग से सम्बंधित कामों कि सूचनाओं को लेने देने के लिए ही करा जाता था।


लेकिन जैसे जैसे इन्टरनेट की पहुँच आम आदमी तक आई इसका उपयोग बढ़ता ही चला गया और आज Unlimited क्षेत्रों में इसका इस्तेमाल होने लगा है। इन्टरनेट आज हमारे जीवन एक हिस्सा बन चुका है, आज के ज़माने में इन्टरनेट का उपयोग कई चीजों में होगे लगा है जैसे;

  • Entertainment के लिए,
  • Banking के लिए,
  • किसी भी document को मेल के माध्यम से transfer करने के लिए,
  • आपस में conversation करने के लिए,
  • नए दोस्त बनाने के लिए,
  • online पढाई करने के लिए,
  • घर बैठे शोपिंग करने के लिए,
  • न्यूज़ पढ़ने के लिए,
  • मोबाइल बिल या बिजली का बिल जमा करने के लिए,
  • Business का प्रचार करने के लिए,
  • Advertisement के लिए,
  • किसी भी प्रकार की जानकारी के लिए, और भी बहुत सारी चीजों के लिए।

इन्टरनेट के फायदे

internet की खोज के बाद से हमें बहुत सारे फायदे हुए हैं नीचे हम कुछ internet के फायदे बता रहे हैं,

  1. इन्टरनेट कि मदद से हम घर बैठे ही किसी भी तरह की जानकारी को प्राप्त कर सकते हैं।
  1. इन्टरनेट कि मदद से हम घर बैठे ही professional काम भी कर सकते हैं।
  2. इन्टरनेट की मदद से हम कोई भी file download करके देख सकते हैं या उस ऑनलाइन भी देख सकते हैं।
  3. इन्टरनेट कि मदद से कोई भी video Download कर सकते हैं।
  4. इन्टरनेट कि मदद से हम अपनी किसी भी information को Email, WhatsApp या Facebook के द्वारा शेयर कर भी सकते हैं।
  5. आज इन्टरनेट की Education के क्षेत्र में बहुत बड़ी भूमिका है, एजुकेशन से सम्बंधित सभी तरह की जानकारियां internet पर उपलब्ध हैं।
  6. इन्टरनेट की मदद से टिकट बुकिंग और Online बैंकिंग जैसी सुविधाओं का भी लाभ घर बैठे ही उठा सकते हैं।

इन्टरनेट के नुकसान

इन्टरनेट के बहुत सारे फायदे तो हैं ही लेकिन उसके कुछ नुकसान भी हैं नीचे हम internet के कुछ नुकसान बता रहे हैं,

  1. बहुत से लोग इन्टरनेट का misuse और misleading करके गलत जानकारियां भी फ़ैलाते हैं।
  2. इन्टरनेट की मदद से लोगों कि जानकारी चुरा कर उनका गलत फायदा भी उठाया जा सकता है।
  3. बहुत से बच्चे गलत संगती में पड़ कर pornography जैसी अश्लील चीज़े देखने लग जाते हैं, जिससे बच्चों पर negative impact पड़ता है।
  4. जरुरत से ज़ादा फालतू में इन्टरनेट का इस्तेमाल करने से कीमती समय कि बर्बादी भी होती है।
  5. आजकल बहुत से लोग Online Frauds को अंजाम देते हैं जिसकी वजह से आपका आर्थिक नुकसान भी हो सकता है।
  6. इन्टरनेट का बहुत अधिक इस्तेमाल करना हमारे शरीर और आँखों के लिए बहुत ही नुकसानदायक है।
  7. बहुत सी Apps और वेबसाइट ऐसी भी हैं जिनका इस्तेमाल करने पर हमारा पर्सनल डाटा चोरी हो सकता है जिससे हमारा बहुत कुछ नुकसान करा जा सकता है।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

इन्टरनेट के कितने प्रकार का होता है?

इन्टरनेट तीन प्रकार का होता है एक internet दूसरा Intranet और तीसरा Extranet.

2G कब launch हुआ था?

2G internet 1991 में फिनलेंड मे launch हुआ था।

internet 3G कब launch हुआ?

3g इंटरनेट को 2001 में launch करा गया था।

भारत में 4G कब लांच हुआ?

4g इंटरनेट को 2012 मे लौंच करा गया था।

5G internet कब launch होगा?

आने वाले समय में 5G जल्द ही launch किया जाएगा 5g internet आने से पहले 5g फोन पहले ही लौंच हो गए हैं।

internet 6G कब launch होगा?

जिस तरह internet की डिमांड बढ़ रही हैं उस देख कर कहा जा सकता है की आने वाले समय में 6g भी जल्द ही लौंच करा जाएगा।

क्या 4g मोबाइल में 5g सिम चलेगा?

4g मोबाइल में 5g सिम नहीं चल सकता है।

भारत में 1G कब लांच हुआ?

1980 में 1G लांच हुआ था।

इंटरनेट की खोज किसने की?

इंटरनेट की खोज, सन, 1969 में Department Of Defense
(DOD) के द्वारा की गई थी।

इंटरनेट स्पीड डिस्प्ले करने का तरीका?

इसके लिए आप Internet Speed Meter, Network Speed App, Network Speed Indicator और Speed Test इंटरनेट स्पीड Checker Apps Download कर सकते हैं।

कहां पर फ्री का इंटरनेट मिलता है?

Railway Stations और Airpot जैसी Public Places पर फ्री में Hotspot इंटरनेट मिलता है। जिसे आप WIFI से Connect करके Use कर सकते है।

हम कैसे पता लगाएं किसी दूसरे नंबर पर इंटरनेट ऑन है या ऑफ है?

यदि आपके पास उसका WhatsApp Number या अन्य Social Media Account पर Contact है तो आप उस वहाँ Massage करके देख सकते हैं WhatsApp पर यदि Singel टिक जाए तो net बन्द है और यदि Double Tick जाए Online की जगह Last Seen या कुछ भी नही दिखाई दे तो इसका मतलब है की उसका Net On है लेकिन वो अभी Online नहीं है।

Email की खोज किसने की?

Email की खोज Ray Tomlinson ने की थी।

निष्कर्ष

इस पोस्ट में हमने आपको Internet Ki Khoj Kisne Ki Thi और इंटरनेट कैसे काम करता है? भारत में इंटरनेट कब आया? के साथ Internet से जुड़ी सभी जानकारी दी है।

उम्मीद है आपको हमारी पोस्ट पसंद आई होगी अगर आपके पास इसे जुड़े कोई भी सवाल हैं तो हमें नीचे कॉमेंट में बताए।

धन्यवाद

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