एन्क्रिप्शन क्या है और कितने प्रकार का होता है? – Encryption Meaning In Hindi?

Hello friends, तो स्वागत है आपका हमारी आज की इस नयी पोस्ट मे ,जिसमें हम आपको Encryption क्या है? Encryption Meaning In Hindi इसके बारे मे बताने वाले है। और साथ ही हम आपको Encryption के क्या फ़ायदे है? और Encryption के क्या नुकसान है? इसके बारे मे भी पूरी जानकारी देने वाले है।

WhatsApp Encryption क्या है? और Encryption कितने प्रकार के होते हैं? के बारे मे पूरी तरह से जानने के लिए इस पोस्ट को पूरा पढ़िए, इसकी मदद से आप काफ़ि कुछ आसानी से जान सकते हैं।

Table of Contents

Encryption Meaning In Hindi

जानिए आसान भाषा में Encryption Meaning In Hindi

आपने कभी ना कभी Encryption के बारे मे सुना ही होगा, लेकिन कुछ ही लोग इसके बारे मे पूरी तरह जानते होंगे, तो यहाँ हम आपको Encryption के बारे मे विस्तार से बता रहे हैं।

आज कल के दौर मे हम Internet की मदद से बहुत से काम करते है, फ़िर चाहे किसी से बात करना हो या फिर अपना कोई भी bussiness शुरु करने जेसे हज़ारो काम हम Internet कि मदद से करते हैं, और Internet पर जो कुछ भी हम करते है, उसमे हमारा Data भी रहता है।

आज कल की दुनिया मे बहुत से एसे लोग है, जो दूसरों के Data को चोरी कर उसका गलत इस्तेमाल करते है। Data की चोरी आज के समय की सबसे बड़ी परेशानी बन गई है।

लोगो को इसके कारण कई मुसीबतो का सामना करना पड़ता है, यही कारण है, कि लोग अपने Data की सुरक्षित करना चाहते है जिसके लिए कई सारे Apps/Companies ने Encryption की शुरुआत की हैं ।

आसान भाषा में कहें तो आज के टाइम पर Internet पर जितनी भी कंपनियां हैं या जैसे कि WhatsApp, Facebook जैसे जितने भी सोशल मीडिया प्लेटफार्म हैं और Google Pay, Paytm, Phonepe जैसे Banking Apps हैं वो Encryption इस्तेमाल करते हैं।

इसके अलावा बड़ी बड़ी Data Service Websites और जितनी बड़ी Data Provide करने वाली वेबसाइट और कंपनियां हैं, वह Encryption Use करती हैं ताकि Data Safe (सुरक्षित) रहे।

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जैसा कि आप Mobile में जो कोई भी बड़ी Platform का App इस्तेमाल करते हैं, जहाँ हमारा डेटा स्टोर होता है वो कंपनी हमारे Data को सुरक्षित रखने के लिए Encryption का इस्तेमाल करती है।

तो वो लोग जो इनक्रिप्शन यूज़ करती है वो कैसे काम करता है? इस बारे में हम नीचे जानेंगे।

Encryption क्या है?

Data Encryption एक कंप्यूटिंग प्रक्रिया है जो Plain Text/Clear Text को Sifr Text यानी कि Encrypted Data) में Encode करती है, जो केवल Authorized Users द्वारा ही सही क्रिप्टोग्राफ़िक Key के साथ Accessible है।

सीधे शब्दों में कहें तो, Encryption लिखे हुए डेटा को किसी अन्य रूप में Convert करता है जिसे केवल सही पासवर्ड वाले लोग ही डिकोड करके देख सकते हैं – और यह Digital परिवर्तन का एक महत्वपूर्ण घटक है।

चाहे आपका Business Data का उत्पादन (Production), एकत्रीकरण (Aggregation) या उपभोग (Consumption) करता हो, Encryption एक प्रमुख डेटा प्रयविसी सिक्योरिटी रणनीति (Key Data Privacy Protection Strategy) है जो Sensitive Information को Unauthorized Users के हाथों से दूर रखती है।

कुछ कंपनियां ऐसा एन्क्रिप्शन यूज़ करती है के कोई भी Unknown Person उसे रीड नहीं कर सकता उसे Data को चुरा कर उसका गलत इस्तेमाल नहीं कर सकता, वो पढ़ना चाहेगा भी तो नहीं पढ़ सकता है, लेकिन User देख सकता है और कंपनी का सर्वर भी उसको रीड कर सकता है।

बीच में अगर कोई व्यक्ति उसे चुराने की कोशिश करेगा तो उसको डेटा नहीं मिलेगा क्योंकि वो Encrypt होगा।

एन्क्रिप्ट का हिंदी अर्थ?

एन्क्रिप्ट का हिंदी अर्थ है “एक ऐसी प्रक्रिया जिससे कोई सूचना सुरक्षित रूप से संग्रहित की जाती है ताकि अनधिकृत व्यक्ति या संस्था द्वारा उस सूचना का दुरुपयोग नहीं किया जा सके।” इसका मुख्य उद्देश्य डेटा को सुरक्षित रखना होता है।

एन्क्रिप्ट एक क्रिप्टोग्राफी तकनीक है जो जानकारी को असाधारण तरीके से शिफ्ट करती है ताकि केवल उस व्यक्ति या संस्था तक पहुँच सके जो इसके लिए अधिकृत हो।

Encryption कैसे काम करता है?

Encryption Data को Sifr Text में Encode करने के लिए एक सिफर (एक एन्क्रिप्शन एल्गोरिथम) और एक Encryption Key का इस्तेमाल करता है।

एक बार जब यह सिफरटेक्स्ट प्राप्त करने वाले को Sent हो जाता है, तो एक Key (Symmetric Encryption के लिए) का इस्तेमाल सिफरटेक्स्ट को Original Content में वापस डिकोड करने के लिए किया जाता है।

Encryption Keys” Physical Keys की तरह काम करती हैं, जिसका अर्थ है कि केवल सही Key वाले User ही एन्क्रिप्टेड डेटा (Encrypted Data) को ‘अनलॉक’ या Decrypt कर सकते हैं।

End-to-end Encryption क्या है?

कुछ Encryption ऐसा होता है कि कंपनी के सर्वर पर जो डेटा रहता है, वह कंपनी के सर्वर को भी नहीं पता होता है की जो डेटा है वो क्या है। इसका मतलब है कंपनी वाले खुद भी रीड नहीं कर सकते है।

इस तरह के एन्क्रिप्शन को end-to-end encryption कहते हैं यह सबसे ज्यादा हाई इनक्रिप्शन होता है जो वॉट्सैप यूज़ करता है और ये “end-to-end encryption खासकर Messenger Apps पर Chating के लिए यूज़ किया जाता है।”

इसमे Share किया हुआ Data सिर्फ भेजने वाला और रिसीव करने वाला ही पड़ सकता है। इसमें एक Key जनरेट होती है एक Private Key, एक Public Key की, यह दोनों Users के पास होती हैं। Private Key से उस मैसेज को Automatic (Encrypted और Decrypt) कर दिया जाता है।

इसके अलावा बैंकिंग Apps जिस Encryption का इस्तेमाल करते हैं वह AES यानी के (Advance Encryption Standard) एडवांस एन्क्रिप्शन स्टैंडर्ड है।

Encryption in transit और encryption at rest आपके डेटा की सुरक्षा के लिए पर्याप्त नहीं हैं। इसके विपरीत end-to-end Encryption Communication की सुरक्षा के लिए सबसे बेहतर है।

एंड-टू-एंड एन्क्रिप्टेड सिस्टम में, केवल वही लोग होते हैं जो डेटा तक पहुंच सकते हैं, (Sender और इच्छित Receiver) कोई और नहीं।

न तो data चुराकर उसका गलत इस्तेमाल करने वाले और न ही Unwanted Third Party सर्वर पर Encrypted Data तक पहुंच सकते हैं।

सही मायने में एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन Device Leval पर होता है। मैसेजों और फ़ाइलों को Phone या Computer छोड़ने से पहले Encrypt किया जाता है और जब तक वे अपनी मंज़िल तक नहीं पहुंच जाते, तब तक उन्हें Decrypt नहीं किया जाता है।

Secret Keys को अलग-अलग Users के डिवाइस पर Store किया जाता है इसलिए Data चुराने वाले सर्वर पर डेटा तक नहीं पहुंच सकते क्योंकि उनके पास डेटा को डिक्रिप्ट करने के लिए आवश्यक Private Key नहीं होती है।

Genrate key” इस प्रक्रिया को Asymmetric Cryptography के रूप में जाना जाता है। अलग क्रिप्टोग्राफिक Keys मैसेज को सुरक्षित और डिक्रिप्ट करती हैं। Public Keys को ज़रूरत के हिसाब से बाँट दिया जाता है और किसी मैसेज को Lock या Encrypt करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है।

Private key केवल Owner द्वारा जानी जाती है और मैसेज को Unlock या Decrypt करने के लिए इस्तेमाल की जाती है।

end-to-end encryption में, सिस्टम शामिल होने वाले हर एक व्यक्ति के लिए Public और Private Cryptographic Key बनाता है।

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end-to-end Encryption कैसे काम करता है?

मान लें कि रोब और ऐलिस एक Messaging App पर Account पर बनाते हैं।

end-to-end encryption System हर एक को एक public key जोड़ी देता है, जिससे उनकी Public Key Server पर Store होती है और उनकी Private Key उनके डिवाइस पर Store होती है।

ऐलिस रोब को एक मैसेज भेजना चाहती है। तो उसका Messaging App Server से रोब के लिए मैसेज Encrypt करने के लिए उसकी Public Key का इस्तेमाल करता है।

फिर, जब रोब मैसेज प्राप्त करता है, तब उसका Messaging App Server से ऐलिस के मैसेज को Decrypt करने के लिए अपने Device पर अपनी Private Key का इस्तेमाल करता है।

जब रोब Reply देना चाहता है, तो उसका Messaging App Server एलिस की Public Key का इस्तेमाल करके एलिस के लिए मैसेज Encrypt करते हुए बस इस Process को दोहराता है।

Encryption का क्या उद्देश्य है?

Encryption “Sensitive Data” की सुरक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है जो Internet पर फेला हुआ होता है या कंप्यूटर सिस्टम में Stored होता है। इसका इस्तेमाल कई बड़ी बड़ी Companies अपने Data को Safe रखने के लिए करती हैं।

यह न केवल डेटा को Secret रखता है, बल्कि यह इसके Origin को Proved कर सकता है, यह सुनिश्चित कर सकता है कि भेजे जाने के बाद डेटा नहीं बदला है, और Senders को इस बात से इनकार करने से रोकता है कि उन्होंने एक Encrypted Message भेजा है (जिसे गैर-अस्वीकृति भी कहा जाता है)।

मजबूत Data Privacy Protection प्रदान करने के अलावा, कई कम्पनियों या मानक निकायों (Standards Bodies) द्वारा स्थापित Compliance rules को बनाए रखने के लिए Encryption अक्सर आवश्यक होता है।

उदाहरण के लिए, Payment Card उद्योग डेटा सुरक्षा मानक (PCI DSS) है। इस मानक के लिए व्यापारियों को ग्राहक कार्ड डेटा को Encrypt करने की आवश्यकता होती है जब इसे आराम से Stored किया जाता है, साथ ही जब Public Networks पर Broadcast किया जाता है।

अन्य महत्वपूर्ण नियमों का कई व्यवसायों को पालन करना चाहिए जिनमें General Data Protection Regulation (GDPR) और California Consumer Privacy Act 2018 (CCPA) शामिल हैं।

Encryption का अर्थ

“Encryption” शब्द अंग्रेजी भाषा का शब्द है, जिसकी उत्पति ग्रीक भाषा के शब्द “Cryptus” से हुई है। Cryptus का मतलब किसी चीज़ को गुप्त रखना होता है।

Encryption से अभिप्राय कूट लेखन है जिसे हम गूढ़ लेखन भी कहते हैं। Encryption एक अंग्रेजी शब्द है। Data या Information को कोड में बदलना भी Encryption का अर्थ ही होता है।

आसान शब्दो मे Encryption वो है जो हमारी जानकारी या डाटा को एक ऐसे कोड के द्वारा सुरक्षित कर देती है, जिसे एक आम व्यक्ति या फिर जो भी Data को चोरी करता है उसके लिए ये पढ़ना मुश्किल हो जाता है।

Encryption द्वारा एक प्राइवेट कोड Apply होता है, जो हमारे डाटा के सही मतलब को Hide कर देता है। हम सरल शब्दों में कहें तो हमारी सभी Information और Data को एक Private कोड के द्वारा सुरक्षित रखने को ही Encryption कहा जाता है।

जब डाटा हमारे द्वारा Encrypt कर दिया जाता है तो इसे हमारे सिवा कोई भी व्यक्ति नहीं देख सकता। Encrypted Data को सिर्फ़ वही व्यक्ति देख सकता है, जिसके पास आपके द्वारा लगाई गई उस Data का Encryption Code होता है। Encryption हमारे Data को फिर से अनलॉक करने, पढ़ने, और समझने के योग्य बनाता है।

उम्मीद है कि अब आपको Encryption के बारे मे अच्छी तरह समझ आ गया होगा तो चलिए अब जानते है Encryption की History के बारे में।

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Encryption की शुरुआत कब और क्यों हुई?

आपने इतिहास मे कई बार चित्रलिपि के बारे मे सुना होगा, Encryption का उपयोग पहले के ज़माने में यानि 1776 मे चित्रलिपि से किया जाता था, जिसे समझ पाना काफी कठिन था।

Encryption का उपयोग पहले के समय में ज़्यादातर सिर्फ सेना या फिर सरकारी संस्थान द्वारा किया जाता था, लेकिन आज के समय में तेजी से बढ़ रहे Internet के युग में इसके प्रयोग लगातार बढ़ोतरी हो रही है अब इसका प्रयोग ज़्यादा जगहो पर किया जाने लगा है।

Encryption की शुरुआत चीज़ो को गुप्त रखने और Sensitive जानकारी को लोगो से बचाने के लिए की गई थी।

पहले के ज़माने में चित्रलिपि के दौरान किसी युध्द या प्राकृतिक आपदा के समय इसका इस्तेमाल किया जाता था, लेकिन अब Internet के दौर मे जहाँ Data एक बहुत बड़ा Security और Privacy का मुद्दा है, वहाँ पर अब इसका इस्तेमाल Security को और ज़्यादा मज़बूत करने के लिए किया जाने लगा है।

Encryption कितने प्रकार के होते हैं?

Data के Encrypt और Decrypt होने के Process को Cryptography कहा जाता है। Cryptography के कई प्रकार होते हैं जिससे Data ज़्यादा सुरक्षित हो जाता है। Data के Encryption से पहले उसे PlaintText कहा जाता है और Encryption के बाद उसे Ciphertext कहा जाता है।

Encryption के दो मुख्य प्रकार हैं: Symmetrical (सममित) और Asymmetric (असममित)।

1- Asymmetric Encryption:

इस प्रकिया में दो Encryption Key होती है, जो आपके Data को Encrypt और Decrypt करने के काम मे आती है। जैसा कि हमने आपको बताया इसमे दो Encryption Key होती है, जिसमे एक Key Private Key होती है, और दूसरी Key Public Key होती हैं।

Encryption के दौरान Private Key User के पास होती है, और Descryption Key को पब्लिक कर दिया जाता है, जिसमे Data को भेजा जाता है।

वास्तव मे Asymmetric Encryption को ही Public Encryption Key भी कहा जाता है, और यह एक SSL यानि Secure Socket Layer Technology है। जिसकी ज़रूरत किसी भी Website के URL में http को https बदलने में भी होती है।

2- Symmetric Encryption

Symmetric Encryption को Shared Encryption भी कहा जाता है, यह एक एसी प्रक्रिया है, जिसमे Data को Encrypy और Decrypt करने के लिए केवल एक ही Key की ज़रूरत होती है। लेकिन एक ही Key होने की वजह से Encrypt करने वाले व्यक्ति को ये Encryption Key उस व्यक्ति को Share करनी पड़ती है, जिसे वह Data Share करता है।

Symmetric Encryption में एक खास बात ये भी है, कि इसमें Asymmetric Encryption के मुकाबले Data Process की Speed Fast और better होती है। इसलिए इसका ज़्यादतर प्रयोग Heavy Data के Encryption और Payment मे होता है।

चलिए इन दोनों के बारे में थोड़ा विस्तार से जान लेते हैं;

Symmetrical Encryption (सममित एन्क्रिप्शन)

यह सममित एन्क्रिप्शन Algorythm Encryption और Decryption दोनों के लिए एक ही Key का इस्तेमाल करते हैं। इसका मतलब यह है कि डेटा को एन्क्रिप्ट करने वाले Sender या Computer सिस्टम को Pre-Shared Key को सभी Authorized Parties के साथ Share करना चाहिए ताकि वे इसे Decrypt कर सकें।

यह Symmetrical Encryption आमतौर पर थोक में डेटा को एन्क्रिप्ट करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है, क्योंकि यह आमतौर पर असममित एन्क्रिप्शन (Asymmetric Encryption) की तुलना में तेज़ और आसान होता है।

सबसे ज़्यादा इस्तेमाल किए जाने वाले सममित एन्क्रिप्शन सिफर में से एक Advanced Encryption Standards (AES) है, जिसे 2001 में राष्ट्रीय मानक और Institute of Technology (NIST) द्वारा अमेरिकी सरकार के Standards के रूप में परिभाषित किया गया था।

AIS तीन अलग-अलग प्रमुख लंबाई को Support करता है, जो Number Set करते हैं Possible keys: 128, 192, या 256 Bit हैं। किसी भी AIS Key लंबाई को क्रैक करने के लिए Computational Power Level की आवश्यकता होती है जो वर्तमान में काल्पनिक हैं और ऐसा होने की संभावना नहीं है।

दुनिया भर में ज़्यादातर AIS का इस्तेमाल किया जाता है, जिसमें राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी (NSA) जैसे Government Organization शामिल हैं।

Asymmetric Encryption (असममित एन्क्रिप्शन)

diagram of asymmetric encryption example

Asymmetric Encryption (जिसे Public Key Encryption के रूप में भी जाना जाता है) दो अलग-अलग लेकिन Mathematically जुड़ी Keys (एक Public Key और एक Private Key) का इस्तेमाल करता है।

आम तौर पर, Public Key सार्वजनिक रूप से Share की जाती है और किसी के भी इस्तेमाल के लिए उपलब्ध होती है, जबकि निजी कुंजी को सुरक्षित रखा जाता है, केवल Key Owner के लिए ही Accessible होती है।

इसे इस तरह समझ सकते हैं WhatsApp पर किए हुए मैसेज को देखने की Key सिर्फ उस व्यक्ति के पास ही होगी जिसे मैसेज भेजा गया है और अन्य Social Media Platforms जैसे Instagram या YouTube पर डाली हुई Photo और Videos की Key सभी के पास होगी जो उसका इस्तेमाल करते हैं।

कभी-कभी Data दो बार Encrypt किया जाता है, एक बार Sender की Private Key के साथ और एक बार Receiver की Public Key के साथ, इस प्रकार यह सुनिश्चित करता है कि केवल इच्छित Receiver ही इसे Decrypt कर सकता है और Sender वह है जो वे होने का दावा करते हैं।

इस प्रकार Asymmetric Encryption कुछ उपयोग के मामलों के लिए अधिक Easy To Use है, क्योंकि Public Key को आसानी से Share किया जा सकता है; हालाँकि, इसके लिए Symmetrical Encryption की तुलना में अधिक Computing Resources की आवश्यकता होती है, और ये Resource की लंबाई Protected Data के साथ बढ़ती हैं।

सबसे ज़्यादा इस्तेमाल किए जाने वाले असममित एन्क्रिप्शन सिफर में से एक आरएसए है, जिसका नाम 1977 में इसके आविष्कारकों रॉन रिवेस्ट, आदि शमीर और लियोनार्ड एडलमैन के नाम पर रखा गया था।

आरएसए सबसे व्यापक रूप से उपयोग किए जाने वाले Asymmetric Encryption (असममित एन्क्रिप्शन) Algorithm में से एक है।

सभी मौजूदा Asymmetric एन्क्रिप्शन की तरह, RSA Cipher Prime Factors पर निर्भर करता है, जिसमें एक बड़ी संख्या बनाने के लिए दो बड़े Prime Numbers को गुणा करना शामिल है।

जब सही Key लंबाई का उपयोग किया जाता है तो RSA को क्रैक करना बेहद मुश्किल होता है, क्योंकि किसी को दो Original Prime Numbers को गुणा किए गए Results से निर्धारित करना चाहिए, जो कि Mathematically कठिन है

WhatsApp में end-to-end Encryption क्या है?

Example diagram of whatsapp end to end encryption

WhatsApp से आप जिससे भी बात करते हैं, वही बाते End To End Encryption मे सुरक्षित हो जाती हैं। WhatsApp Encryption की मदद से चाहे आपके Massages हो या Calls, वे केवल आपके और जिससे भी आप बात करते हैं उस व्यक्ति के बीच ही रहती हैं।

Encryption के दौरान कोई भी दूसरा व्यक्ति ना ही उन्हे पढ़ सकता और ना ही उसे देख सकता है। ऐसा इसलिए होता है, क्योंकि WhatsApp मे Encryption On करते ही आपके द्वारा किए गए मेगेस पर आपके द्वारा एक Digital Lock लग जाता है, यह सब Process आपके Masseges को सुरक्षित रखने के लिए ही होता है, एसा करने के बाद आपको किसी भी तरह की अलग Setting On करने की ज़रूरत नहीं होती।

WhatsApp पर भेजे गए Massages का Encryption या Decription केवल आपके Device पर ही होता है, जैसे ही आप किसी भी व्यक्ति को Massege भेजते हैं, तो पहले उस Massege को Cryptography Key से सुरक्षित कर दिया जाता है।

यह Key सिर्फ़ Massege भेजने वाले और Massege पाने वाले दोनो के पास होता है, और हर Massege के साथ यह Key बदलती रहती है।

Encryption

क्या आपको पता है कि हम चाहे किसी भी App के Data को Encrypt करना चाहे तो हम उस खुद भी आसानी से Encrypt कर सकते हैं फ़िर चाहे वो WhatsApp हो या कोई भी अन्य App हम जिसे चाहे Encrypt कर सकते हैं।

इसके साथ ही अपने पूरे Phone के Data को भी Encrypt किया जा सकता है, यदि आप यह नहीं जानते तो यहाँ नीचे देखे हम आपको Phone Encrypt करने का तरीका बता रहे हैं, जिसकी मदद से आप अपने Phone को आसानी से Encrypt कर सकते हैं।

तो चलिए जानते है, कि अपने Phone को कैसे Encrypt करें?

अपने Phone को कैसे Encrypt करें?

अगर आप भी अपना Phone Encrypt करना चाहते है लेकिन आप ये नही जानते कि आप अपने फोन को कैसे Encrypt करें?

तो इस बारे मे जानने के लिए आप नीचे दिए गए Steps को ध्यान से पढ़े और दिए गये सभी Steps को Follow करें।

  • Step-1 अपना “Phone Encrypt” करने के लिए आपको सबसे पहले अपने Phone की “Setting” Open करना है।
  • Step-2 उसके बाद आपको Setting मे ही “Security” का Option मिल जाएगा, उसे Open कर लिए।
  • Step-3 उसके बाद आपको सबसे नीचे जाने के बाद “Encryption” का Option दिखाई देगा, उसे Select करें।
  • Step-4 उसके बाद आपके सामने कई Option होंगे, जिसमें आपसे पूछा जाएगा कि आपको “Phone Storage Encrypt” करना है या फिर “SD Card Storage।”
  • Step-5 फ़िर आप जो भी “Option Select” करना चाहें उसे Select कर लिए।
  • Step-6 Option Select करने के बाद आपको Continue पर Click कर देना है। फिर आपको वहाँ “Password” लगाना होगा।
  • Step-7 Password डालने के कुछ समय तक यह Process चलेगा और उसके बाद आपके पास एक “Notification” आएगी, जिसमे आपका मोबाइल पूरी तरह से Encrypt हो जाएगा।

Encryption के फ़ायदे और नुकसान क्या हैं?

Encryption के फ़ायदेEncryption के नुकसान
Encryption का पहला फ़ायदा ये है, कि यदि हम अपने Data को Encrypt कर लेते है, तो हमारा Data बहुत सुरक्षित तरीके से Save हो जाता है, और कोई भी उसे चोरी नहीं कर सकता अर्थात हमारा Data भी चोरी होने से भी बच जाता है।वैसे तो Encryption के ज़्यादा नुकसान नहीं है लेकिन इसका सबसे बड़ा नुकसान यह है कि बिना Encryption Key के आप इसे पा नही सकते यानि इसका access आपको प्राप्त नही हो सकता।
हमारा ज़रूरी Data जिसे हम एक जगह से दूसरी जगह सुरक्षित रूप से भेजने के लिए यह एक बहुत ही अच्छी तकनीक है।यदि किसी भी कारण से आप Encryption Key को भूल जाते हैं, तो फिर इसे वापस पाना बहुत मुश्किल या साधारण शब्दों में कहें तो नामुमकिन हो जाता है, जिसके कारण आप अपना ज़रूरी Data खो भी सकते हैं।
अगर किसी भी कारण या किसी खराबी से यदि आपके Data को कोई चोरी भी कर लेता है तो यह Encryption Key के बिना Open नहीं सकता।
यदि आप अपना Data किसी के साथ Share करना चाहे तो आप केवल उस व्यक्ति को अपना Encryption Key बता सकते हैं, इस तकनीक में आपका डाटा वह व्यक्ति ही जान सकता है जिसे आप अपनी Encryption Key बताते हैं।
Encryption के फ़ायदे और नुकसान

Encryption के उदाहरण

जिस तरह हमारी English भाषा के Alphabets एक Order में होते हैं Cipher Alphabet उससे अलग होते हैं वह उल्टे सीधे कृम मे होते हैं।

Plain Alphabet: abcdefghijklmnopqrstuvwxyz

Cipher Alphabet: phqgiumeaylnofdxjkrcvstzwb

Encryption Server Plain Text को “Cipher Text” मे बदलकर उसे Encrypt कर देता है जिसके बाद उस Text को सिर्फ वही व्यक्ति देख सकता है जिसके पास उसे Decrypt करने की सही Key हो।

इसलिए इसे सबसे ज़ादा Secure माना जाता है इसे Crack करना बिल्कुल नामुम्कीन है।

यहाँ हम आपको एक Sample दिखा रहे हैं की एक Normal Text जब Encryption मे Convert होता है तो किस तरह दिखाई देता है।

Encryption Example:
Plain TextEncrypted
Hello.O&l+h#?
How are you?U&h@*/6y&/^e_/

तो एक text massage इस तरह दिखाई देता है जब Encrypt हो जाता है, और इसे सिर्फ वही Decrypt कर सकता है जिसके पास इसकी सही Key हो।

नेटवर्क इनक्रियप्शन क्या है?

नेटवर्क इनक्रियप्शन (Network Encryption) एक सुरक्षा प्रोटोकॉल है जो नेटवर्क कम्यूनिकेशन को सुरक्षित बनाने के लिए उपयोग किया जाता है।

यह एक प्रकार का क्रिप्टोग्राफी होता है, जिससे नेटवर्क के दो या अधिक डिवाइस एक गुप्त संदेश भेज सकते हैं जो एक सुरक्षित तरीके से संचारित होता है।

नेटवर्क एन्क्रिप्शन अलग-अलग तरीकों से काम करता है, जैसे कि पब्लिक-की और प्राइवेट-की जोड़ी, एसएसएल (SSL) और TLS (Transport Layer Security) जैसे विभिन्न प्रोटोकॉल का उपयोग करते हुए किया जाता है।

पब्लिक-प्राइवेट की जोड़ी तकनीक एक सिस्टम है जिसमें एक कुंजी को उत्पन्न करने के लिए दो अलग-अलग कुंजियों का उपयोग किया जाता है।

Public-key encryption के द्वारा, दो अलग-अलग key होते हैं – एक public key और एक private key।

Public key को अन्य लोगों के साथ साझा किया जा सकता है जो इस नेटवर्क का उपयोग करना चाहते हैं, जबकि private key केवल उस व्यक्ति द्वारा ही रखा जाता है जो इस नेटवर्क के लिए जिम्मेदार है।

जब कोई message भेजता है, तो यह public key का उपयोग करके encrypted किया जाता है और इसे उस व्यक्ति तक भेजा जाता है जो इस message को decrypt करने के लिए private key का उपयोग करता है। इस प्रक्रिया से message की सुरक्षा बढ़ जाती है।

“अक्सर पूछे जाने वाले सवाल”

Encryption क्या है?

Encryption से अभिप्राय कूट लेखन है, जिसे हम गूढ़ लेखन भी कहते हैं। अगर हम सरल शब्दों में कहें तो हमारी सभी Information और Data को एक Private Code के द्वारा सुरक्षित रखने को ही Encryption कहा जाता है।

Encryption कितने प्रकार के होते हैं?

Encryption के दो प्रकार होते हैं: 1- Asymmetric Encryption 2- Symmetric Encryption. Symmetric Encryption के भी दो प्रकार होते हैं: (a)- Stream Algorithms (b) – Block Algorithms

पहले के समय Encryption का इस्तेमाल कैसे किया जाता था?

Encryption का उपयोग पहले के समय में यानि 1776 मे चित्रलिपि के द्वारा किया जाता था, जिसे समझ पाना काफी कठिन था।

WhstApp Encryption क्या है?

WhatsApp Encryption से आप जिससे भी बात करते हैं, वह बाते End To End Encryption मे सुरक्षित हो जाती हैं। WhatsApp Encryption की मदद से चाहे आपके Massages हो या Calls, वे केवल आपके और जिससे भी आप बात करते हैं उस व्यक्ति के बीच ही रहते हैं।

Encryption का इस्तेमाल क्यों करा जाता है?

बड़ी बड़ी कंपनियों द्वारा उनके Data को Safe करके Store रखने और Messaging Apps और Banking Apps में Sensitive Data को सुरक्षित रखने के लिए Encryption का इस्तेमाल किया जाता है।

Encryption का इस्तेमाल कहाँ करा जाता है?

Encryption का इस्तेमाल बड़ी बड़ी कंपनियों में, Messaging Apps में, Banking Apps में Sensitive Data को सुरक्षित रखने के लिए किया जाता है।

Encryption क्यों बनाया गया है?

Data Security को नजर में रखते हुए Encryption का अविषकार किया गया है?

Messanging Apps में Encryption का इस्तेमाल क्यों करा जाता है?

Users की Privacy को ध्यान में रखते हुए Messanging Apps में Encryption का इस्तेमाल किया जाता है।

Encryption के क्या मायने हैं?

Encryption का मकसद Data Security और Privacy Protection को ओर भी ज़यादा मजबूत करना है।

Inscription meaning in Hindi?

Letter या Word को अंकित (विशेष रूप से नक्काशी या उत्कीर्णन) करने की Activity.

एन्क्रिप्शन मीनिंग इन हिंदी व्हाट्सएप्प?

एन्क्रिप्शन का मतलब होता है संकेतन। व्हाट्सएप एन्क्रिप्शन का उपयोग करता है जो यह दर्शाता है कि उपयोगकर्ता द्वारा भेजे जाने वाले संदेश सुरक्षित होते हैं और केवल उन लोगों द्वारा देखे जाते हैं जिन्हें संदेश भेजा जाता है। इसका मतलब होता है कि कोई भी तीसरा व्यक्ति या सर्वर आपके संदेशों को नहीं पढ़ सकता है।

निष्कर्ष

इस पोस्ट मे हमने आपको Encryption के बारे मे पूरी जानकारी दी हैं, और साथ ही हमने आपको Encryption kya hai? और अपने Phone को Encrypt कैसे करें? के साथ ही इसमे हमने आपको Whatsapp Encryption क्या है? इसके बारे मे भी बताया है जो आपके लिए काफ़ि सहायक हो सकता है।

यह पोस्ट आपके लिए काफ़ि informative हो सकती हैं। इसकी मदद से आप काफ़ि कुछ जान सकते हैं। और अपने Data की सुरक्षा के लिए अगर कभी आप अपने Phone को Encrypt करना चाहे तो आसानी से कर सकते हैं।

अगर आपके लिए यह पोस्ट सहायक रही हो या इस पोस्ट से आपको सहायता मिली हो, तो इस पोस्ट को share करे और हमारा समर्थन करे, ताकि हम आपके लिए रोज़ एसी नई नई और informative पोस्ट लाते रहें, जिससे आपको सहायता मिल सकें|

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